उत्तरकाशी।।।।कोरोना वायरस covid-19 वैश्विक महामारी के कारण आज देश मे सभी शिक्षण ब्यावस्थाएँ बन्द है सभी स्कूल मार्च माह से पूरे देश मे बन्द है इस बीच कई शिक्षण संस्थाएं ऑनलाइन शिक्षण भी करवा रही है इसी के चलते उत्तरकाशी प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने भी एक फरमान (आदेश) अनिवार्य रूप से शिक्षकों के लिए जारी किया है कि 1 जुलाई से सभी शिक्षक आनलाइन शिक्षण करवाएंगे यह ठीक है कि शिक्षण होना चाहिये ,लेकिन इसके अलग उत्तरकाशी की भौगोलिक स्थिति क्या है इसको भी समझना जरूरी है ,अधिकारी तो आदेश निकाल कर अपना काम कर देते है लेकिन धरातल पर क्या है इसका पता शायद अधिकारियों नहीं रहता
उत्तरकाशी प्रारम्भिक शिक्षा विभाग ने 26 जून को एक आदेश जारी किया कि 1 जुलाई से सभी शिक्षकों को ऑनलाइन शिक्षण करवाना अनिवार्य है उत्तरकाशी का भौगोलिक क्षेत्रफल बड़ा है और जनपद में स्कूल हजारों की संख्या में है इतना ठीक है लेकिन समस्या सबसे बड़ी नेटवर्क की है और कहीं-2 दूर-दराज क्षेत्रों में नेटवर्क रहता ही नहीं सिर्फ मोबाइल पर बात हो जाए यही काफी है अब प्रारंभिक शिक्षा विभाग की और से लिखा गया है यदि किसी छात्र के घर पर स्मार्ट फोन नहीं तो वह गावं के प्रधान ,या पड़ोसी से फोन मांगकर ऑनलाइन पढ़ाई कर सकता है ,चलो ठीक है अब यदि किसी गांव के प्रधान के पास स्मार्ट फोन न हुआ या फिर प्रधान जी कहीं गावं से बाहर गए हो और यदि प्रधान जी के पास स्मार्ट फोन हुआ भी तो गावं में माना 20 बच्चे पढ़ने वाले हों तो प्रधान जी किस किसको फोन देंगे अब माना किसी घर मे स्मार्ट फोन है लेकिन उस घर मे 4 बच्चे पढ़ने वाले है तो कैसे ऑनलाइन पढ़ाई होगी ,कहते है कुछ आध्यपक कि साहब ने आदेश तो जारी कर दिया पर यही चितां मन मे है कि आखिर कैसे ऑनलाइन पढ़ाई होगी
अब ऑनलाइन पढ़ाई बिना नेटवर्क और स्मार्ट फोन के कैसे सम्भव है ये समझ से बाहर है ग्रामीण क्षेत्रों में प्राइमरी के बच्चे केसे टीचर उनसे जुड़ेंगे ,कैसे पढ़ाई करेंगे ,क्या पढ़ाई होगी कि नहीं या सिर्फ आदेश निकालकर खानापूर्ति
रिपोर्ट-हेमकान्त नौटियाल
No comments:
Post a Comment