उत्तरकाशी।।।उत्तरकाशी जिला चिकित्सालय में लैब टेक्नीशियन प्रतिदिन 40 से 50 कोरोना संदिग्ध लोगों के सेम्पल ले रहे है और अब तक उत्तरकाशी में लेब टेक्नीशियनों के द्वारा कुल 1411 संदिग्ध लोगों के कोरोना सेम्पलिंग ले चुके है यहीं नहीं ट्रूनैट टेस्ट भी लगा रहे हैं। बताते चलें कि सबसे ज्यादा जोखिम का काम इस कोरोना काल मे इन लेब टेक्नीशियन का ही है जो कोरोना संदिग्धों का सेम्पल ले रहे है और थोड़ा चूक हुई तो स्वयं भी कोरोना पॉजिटिव हो सकते है ,स्वयं की भी सुरक्षा करनी है और सैम्पल भी लेने है
वहीं उत्तरकाशी चिकित्सालय में 6 लेब टेक्नीशियन और 2 डॉक्टर संदिग्ध कोरोना के लोगों की सेम्पलिंग के कार्य मे दिनरात शुरू से जुटे है खतरा तो है लेकिन क्या करें ड्यूटी है और लोगों की सेवा भी करनी है इतना ही नहीं ये सभी लेब टेक्नीशियन जिला अस्पताल में अपनी ड्यूटी पूरी करने बाद घर पर क्वारन्टीन में रह रहे है यानि अपने परिवार से अलग रह रहे है ताकि परिवार भी सुरक्षित रहे अपने कार्य के प्रति समर्पित इन सभी लेब टेक्नीशियनों ने कोरोना काल मे कोई अवकाश भी नहीं लिया है और दिनरात कोरोना वरियर्स(योद्धा) का काम रहे है
कोरोना सेम्पलिंग लेने में लेब टेक्नीशियन वी पी राय, अरविंद मटूड़ा,जगमोहन रावत,संदीप रावत,प्रदीप चौहान,मनोज नौटियाल ,अमित ब्यास और इनके साथ डॉ अर्चना ,डॉ अमन व डॉ नेगी डेंटिस्ट दिनरात संदिग्ध लोगों के सेम्पल ले रहे
काम जोखिम भरा है लेकिन सरकार द्वारा कोई जोखिम भत्ता नहीं लैब टेक्नीशियन का कहना कि पूरे प्रदेश में कोरोना काल मे इतने समर्पित भाव से कार्य करने बाद भी शासन स्तर पर जोखिम भत्ता कैडर पुनर्गठन नई नियुक्ति आदि प्रमुख मांगे विगत कई सालो से विचाराधीन है लेकिन कोरोना महामारी है इससे लड़ना और कोरोना को हरना है
रिपोर्ट-हेमकान्त नौटियाल
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