लोकेंद्र सिंह बिष्ट प्रदेश संयोजक गंगा विचार मंच का कहना कि काफल, बाँझ, बुराँश और भमोर के मिश्रित जंगलों के जड़ियों का पानी स्वास्थ्य के लिए बहुत ही उपयोगी व लाभप्रद भी होता है। सौभाग्यशाली होते हैं वे ग्रामीण जिनके गाँव के आसपास इन जंगलों के जड़ियों के पानी का स्रोत होता है।। काफल के पेड़ की छाल का प्रयोग चर्मशोधन (टैंनिंग) के लिए भी किया जाता है। काफल का फल गर्मी में शरीर को ठंडक प्रदान करता है। साथ ही इसके फल खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है एवं हृदय रोग, मधुमय रोग उच्च एंव निम्न रक्त चाप नियान्त्रित होता है।
काफल का वानस्पतिक नाम माईरिका इस्क्यूलेटा है।। यह मुख्यता हिमालय के तलहटी मैं होता है। दुनिया में वैज्ञानिकों से लेकर आयुर्वेदिक विशेषज्ञों ने इसे दवाई के लिए हमेशा इस्तेमाल किया है
रिपोर्ट-हेमकान्त नौटियाल
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