उत्तरकाशी- उत्तरकाशी में भागीरथी इको सेंसटिव जॉन दायरे में सीमित प्रतिबंध हटा भारत सरकार ने महा कार्ययोजना को दी मंजूरी ,अब ""इको सेंसटिव जॉन""क्षेत्र में होंगे विभिन्न विकास के कार्य,ऑल वेदर सड़क पहुंचेगी गंगोत्री धाम
उत्तरकाशी।।।उत्तरकाशी में पर्यावरण संरक्षण के लिए भागीरथी"""इको सेंसटिव जॉन""उत्तरकाशी मुख्यालय से गोमुख तक का गजट नोटिफिकेशन(अधिसूचना) 18 दिसम्बर 2012 में लागू हो गई थी पूरा क्षेत्र पूर्ण रूप से तमाम विकास की गतिविधियों से प्रतिबंधित हो गया था इको सेंसटिव जॉन के दायरे में 88 गांव है जिसके बाद और पूर्व में भी क्षेत्र के लोगों ने ""इको सेंसटिव जॉन""को हटाने के लिए सरकार से मांग की थी कि क्षेत्र से इको सेंसटिव जॉन को खत्म किया जाए इको सेंसटिव जॉन लागू होने से क्षेत्र का विकास अवरुद्ध हो जाएगा, इतना ही नहीं इस मामले को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता लोकेंद्र सिंह बिष्ट सुप्रीम कोर्ट भी गए भागीरथी इको सेंसटिव जॉन का निरीक्षण करने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित 12 सदस्यीय हाई पवार कमेटी उत्तरकाशी आई कमेटी के द्वारा जनप्रतिनिधियों , लोगों के सुझाव लिए गए कि इस क्षेत्र में वास्तविक विकास कार्य ,कितने बाधित होंगे
वहीं इस सम्बंध में गंगोत्री विधायक गोपाल रावत ने हाई पवार कमेटी के समक्ष अपने सुझाव भी रखे कि , इको सेंसटिव से कई विकास के कार्य हो ही नही पाएंगे इसलिए पर्यावरण, भी सुरक्षित रहे और विकास भी होते रहे ऐसा कोई बीच का रास्ता निकलना चाहिए ,वहीं गंगोत्री विधायक का कहना कि ""इको सेंसटिव जॉन""कांग्रेस की देन है लेकिन मेरे द्वारा लगातार केंद्र और राज्य सरकार से इस बारे में वार्ता की गई कि इको सेंसटिव जॉन से क्षेत्र का विकास बाधित होगा आज जोनल मास्टर प्लान को भारत सरकार से मंजूरी मिल गई है अब 15 साल तक विकास के कार्य हो पाएंगे सबसे बड़ी सौगात जनता को ऑल वेदर सड़क के रूप में मिलेगी जिसका कार्य अब शुरू हो पायेगा जो इको सेंसटिव जॉन के कारण शुरू नहीं हो पा रहा था अब ऑल वेदर सड़क गंगोत्री तक पहुंचेगी
अधिसूचना में कहा गया था कि राज्य सरकार एक जोनल मास्टर प्लान(महा कार्ययोजना) बनाकर 2 साल में तैयार करें और जोनल मास्टर प्लान तैयार होने के बाद इस प्लान की स्वीकृति भारत सरकार से लेनी होगी ,
उत्तरकाशी जिला प्रशासन और वन विभाग ने एक महा कार्ययोजना बनाई यह महा कार्ययोजना 15 साल के लिए बनाई गई है जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान का कहना है कि ""भागीरथी इको सेंसटिव जॉन""में जोनल मास्टर प्लान (महा कार्ययोजना) को 2012 के बाद जब स्वीकृति के लिए भेजा गया तो इसमें कुछ आपत्तियां लगी और आपत्तियों को हमने ठीक करके फिर से महा कार्ययोजना को 2018 में स्वीकृति के लिए भारत सरकार को भेजा और 2018 के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पावर कमेटी की सहमति के बाद 16 जुलाई 2020 को भारत सरकार ने इस जोनल मास्टर प्लान को 15 साल के लिए स्वीकृति दे दी है जोनल मास्टर प्लान को बनाने हमारी पूरी टीम ने दिन रात काम किया है
वहीं उत्तरकाशी वन विभाग के प्रभागीय वन अधिकारी संदीप कुमार का कहना है कि इस जोनल मास्टर प्लान (महा कार्ययोजना) को बनाकर हमने 2018 को स्वीकृति के लिए भारत सरकार को भेज था और 16 जुलाई 2020 को भारत सरकार से इसकी स्वीकृति मिली है वहीं अब इस महा कार्ययोजना के अनुसार सारी विकास की गतिविधियां होनी है वहीं जो इस जोनल मास्टर प्लान में अभी भी प्रतिबंधित है वे गतिविधियां अभी प्रतिबंधित ही रहेगी लेकिन जिन-2 कार्ययोजना को मंजूरी मिली है वे आगे 15 साल तक चलती रहेगी ""भागीरथी इको सेंसटिव जॉन""में जो प्रतिबंध 15 साल के लिए समाप्त हुए है कहीं न कही इससे क्षेत्र का विकास होगा ,इसमें चाहे पर्यटन, शिक्षा, कृषि, बागवानी, पशु,जलागम, सड़के,आदि सभी विकास के कार्य हो सकेंगे
जोनल मास्टर की मंजूरी के बाद क्षेत्र की जनता में खुशी की लहर है और क्षेत्र की जनता ने भारत सरकार और राज्य सहित क्षेत्रीय विधायक का आभार ब्यक्त किया
रिपोर्ट-हेमकान्त नौटियाल
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