उत्तरकाशी-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग जो चीन सीमा को भी जोड़ता है सामरिक दृष्टि काफी महत्वपूर्ण,लेकिन बड़ी बात बी आर ओ की कार्यप्रणाली पर लग रहे है प्रश्न चिन्ह,बन्द हुए राष्ट्रीय राजमार्ग को खोलने में सुस्त गति
उत्तरकाशी।।।। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग जो चीन सीमा को भी जोड़ता है और सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है लेकिन बी आर ओ (सीमा सड़क संगठन) की कार्यप्रणाली पर लोग तब प्रशन चिन्ह लगाते है जब बी आर ओ की कार्य की गति बन्द हुए राष्ट्रीय राजमार्ग खोलने में धीमी हो जाती है
अक्सर बरसात के मौसम में सड़कें भूस्खलन के कारण बन्द हो जाती जिसमे राष्ट्रीय राजमार्ग सहित लिंक सड़क मार्ग में भूस्खलन होता जिससे सड़कें बाधित होती है वहीं गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग का सारा जिम्मा बी आर ओ के अधीन है तो ऐसे में बी आर ओ की बड़ी जिम्मेदारी हो जाती है कि भूस्खलन के कारण बन्द राष्ट्रीय राजमार्ग को त्वरित गति से खोला जाए लेकिन ऐसा होता नहीं लोगों का कहना है कि जहां पर मार्ग 1 घण्टे में खुलना चाहिये वहां मार्ग को खोलने में 6 घण्टे का समय लगता है कारण बी आर ओ छोटी-2 जे सी बी मशीन से मार्ग खोलने का कार्य करता है
वहीं आज की बात करें तो भटवाड़ी के आगे गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग बन्द हुआ था जिससे मार्ग के दोनों और 150 लोग और काफी वाहन सुबह से फसे थे और लोगों को सुबह से मार्ग खोलने का इंतजार था राष्ट्रीय राजमार्ग खुला 6 घंटे बाद वो भी तब जब एस डी आर एफ की टीम मौके पर पहुंची तो एस डी आर एफ की टीम ने मार्ग खोलने में बी आर ओ की मदद तो की ही लेकिन मार्ग के दोनों तरफ फसें लोगों की भी मदद की । जिससे लोगों ने बी आर ओ की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए लोगों कहना कि बी आर ओ के पास बड़ी जेसीबी मशीनें मौके पर न होने के कारण जो मार्ग महज 1 घण्टे में खुल जाना चाहिए था उस मार्ग को खोलने में घण्टों का समय लग रहा है जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग में फसे यात्री व स्थानीय लोगो को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है
वहीं राजेश रावत जो इस समय स्वयं आपदा प्रहरी का कार्य कर रहा कहीं पर भी यदि राष्ट्रीय राजमार्ग बन्द होता है मार्ग बंद होने की सूचना सबसे पहिले बी आर ओ को देता है और स्वयं भी मौके पर डटा रहता है लेकिन राजेश रावत का कहना है कि उत्तरकाशी आपदा विभाग को हर गतिविधियों की सूचना देते है लेकिन विभाग की और कोई त्वरित रेस्पॉन्स नहीं मिलता
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