उत्तरकाशी-ब्लॉक मुख्यालय का नजदीकी गांव आजादी के 7 दशक बाद भी सड़क से वंचित,बीमार ब्यक्तियों को डंडी-कंडी के माध्यम से लाया जाता सड़क मार्ग तक,सड़क न होने से गावं के अधिकांश लोगों ने किया पलायन - PiyushTimes.com | Uttarkashi News

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Friday, April 16, 2021

उत्तरकाशी-ब्लॉक मुख्यालय का नजदीकी गांव आजादी के 7 दशक बाद भी सड़क से वंचित,बीमार ब्यक्तियों को डंडी-कंडी के माध्यम से लाया जाता सड़क मार्ग तक,सड़क न होने से गावं के अधिकांश लोगों ने किया पलायन

 

उत्तरकाशी-ब्लॉक मुख्यालय का नजदीकी गांव आजादी के 7 दशक बाद भी सड़क से वंचित,बीमार ब्यक्तियों को डंडी-कंडी के माध्यम से लाया जाता सड़क मार्ग तक,सड़क न होने से गावं के अधिकांश लोगों ने किया पलायन

उत्तरकाशी।। यमुनोत्री विधानसभा के अंतर्गत डुंडा ब्लॉक मुख्यालय से 6 किलोमीटर की पैदल दूरी पर  ग्राम  ओल्या (बल्ला) यह गांव  आजादी के 7 दशक बाद भी सड़क से नहीं जुड़ पाया है  गांव के एक व्यक्ति सीताराम  जंगल में बकरी चूंगाते हुए   गिरने से गम्भीर घायल हो गया । गांव के  कुछ ग्रामीणों ने गांव में सड़क न होने से डंडी -कंडी के माध्यम से  सड़क मार्ग तक  पहुंचाया  और  प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डुंडा  में  भर्ती करवाया गम्भीर घायल व्यक्ति सीताराम को  डुंडा के   डॉक्टरों ने  जिला चिकित्सालय के लिए  रेफर किया लेकिन ब्यक्ति की हालत ज्यादा खराब होने पर  जिला चिकित्सालय के  डॉक्टरों ने भी  घायल व्यक्ति को  हायर सेंटर  देहरादून के लिए  रेफर कर दिया है।

डुंडा ब्लॉक के  ओल्या (बल्ला)गांव जो यमुनोत्री विधानसभा में पड़ता है इस गावं में 30 परिवार निवासरत है  इस गावं में  सड़क न होने से  ग्रामीणों को  भारी दिक्कतों का  सामना  करना पड़ता है  खासकर जब गांव में कोई व्यक्ति बीमार हो जाता है तो बीमार व्यक्ति को सड़क तक पहुंचाने में चार-पांच किलोमीटर जंगल के पैदल रास्ते से  ग्रामीणों को सफर  तय करना पड़ता है और बीमार व्यक्ति को डंडी-कंडी के माध्यम से सड़क तक लाया जाता है ग्रामीणों का कहना है कि कई बीमार  व्यक्तियों ने अस्पताल पहुंचने से पहिले  रास्ते में ही दम तोड़ दिया है यही नहीं सबसे बड़ी समस्या  प्रसव पीड़िता महिलाओं को होती है क्योंकि उनको सड़क मार्ग तक पहुंचाना काफी जोखिम भरा होता है ग्रामीणों का कहना है की सड़क मार्ग से ओल्या (वल्ला) गांव की पैदल दूरी 5-6 किलोमीटर खड़ी चढ़ाई है और आज तक गांव में सड़क न पहुंचने से अधिकांश ग्रामीणों ने गांव से पलायन कर दिया है ऐसा नहीं है गांव के लिए सड़क भी स्वीकृत है लेकिन आज तक सड़क निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो पाया है  लेकिन जनप्रतिनिधि और शासन- प्रशासन समस्या पर  मौन धारण किये  है कहते है कि सडक जो किसी गॉव की लाइफ लाइन होती है इस गांव  से यह  कोशो दूर है। जनप्रतिनिधि मौज में तो हमेशा इसी तरह ठगी रह जाती है भोली-भाली जनता।


रिपोर्ट-हेमकान्त नौटियाल

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