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Saturday, August 21, 2021

उत्तरकाशी-अस्थाई दुकानों के निर्माण की थी अनुमति,स्थाई दुकानों का निर्माण कार्य किया जा रहा था,,जिलाधिकारी ने दुकानों के निर्माण कार्य पर लगाई रोक

 उत्तरकाशी-अस्थाई दुकानों के निर्माण की थी अनुमति,स्थाई दुकानों का निर्माण कार्य किया जा रहा था,,जिलाधिकारी ने दुकानों के निर्माण कार्य पर लगाई रोक




-:जल विधुत निगम की इसी भूमि पर एक बड़ा मोटर पुल बनना भी है प्रस्तावित है।




-:जल विधुत निगम भूमि पर आखिर कैसी मिली दुकानों के निर्माण की अनुमति जबकि इन दुकानों का कोई भविष्य नहीं था।सरकारी धन का दुरूपयोग क्यों




उत्तरकाशी।।नगर पालिका बाड़ाहाट उत्तरकाशी के द्वारा ज्ञानसू टेक्सी स्टैंड के नीचे और सिंचाई विभाग कार्यालय के ठीक बगल में जोशियाड़ा  झील के किनारे जल विधुत निगम  (यू जे वी एन एल) की जमीन  पर अवैध रूप से पक्की दुकानों का निर्माण किया जा रहा है।इन दुकानों का निर्माण कार्य कुछ माह पूर्व से चल रहा है।लेकिन जल विधुत निगम   (यूजेवीएनएल) के कार्मियों जब  भनक  लगी कि दुकानों का निर्माण कार्य लगभग आधा हो गया है और नगरपालिका दुकानों की छत डालने की तैयारी में है।तो जल विधुत निगम के अधिकारी और कर्मचारी  मौके पर पहुंचे तथा काम रोकने के लिए कहा निर्माण दाई संस्था को कहा। इसको लेकर यूजेवीएनएल और पालिका कर्मियों के बीच  विवाद भी  हुआ। जब नगरपालिका के अधिकारियों ने काम नहीं रोका तो वे जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के पास  गए । जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने  उपजिलाधिकारी देवेंद्र नेगी को मौके पर भेजाकर इन दुकानों के निर्माण कार्य  पर रोक लगा दी।




नगर पालिका बाड़ाहाट उत्तरकाशी ने  24 जून को जल विधुत निगम  (यूजेवीएनएल)  मनेरी भाली द्वितीय परियोजना जमीन जो झील के किनारे ज्ञानसू में है इस  भूमि पर 18 दुकानों का निर्माण कार्य  शुरू किया था। दुकानों के निर्माण कार्य के  लिए नगरपालिका ने जल विद्युत निगम से कोई अनुमति नहीं ली थी।और सीधे दुकानों का निर्माण कार्य शुरु कर दिया था। वहीं जल विधुत निगम का कहना है कि  कई बार  नगरपालिका को नोटिस भी दिया गया। लेकिन नगरपालिका ने नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया। जल विधुत निगम का कहना है कि दुकानों के  निर्माण कार्य को बन्द करने के लिए  जिला प्रशासन को भी कहा  लेकिन, जिला प्रशासन ने भी इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की बल्कि नगरपालिका को अस्थाई दुकानें बनाने के लिए अनुमति दे दी ।वहीं सबसे बड़ी बात इसी जगह पर एक बड़ा पुल बनना भी प्रस्तावित है। तो क्यों यहां पर दुकानों का निर्माण कार्य करवा कर सरकारी धन का दुरूपयोग किया जा रहा है।लेकिन पालिका ने प्रशासन के निर्देशों को भी नहीं माना। बल्कि 18 से अधिक पक्की स्थाई दुकानों के निर्माण के लिए कालम डालकर दुकानों की छत डालने की तैयारी नगरपालिका ने शुरू की थी।अस्थाई और स्थाई निर्माण कार्य को लेकर जल विधुत निगम और नगरपालिका  के कार्मिकों, ठेकेदार के बीच नोकझोंक भी  हुई। यूजेवीएनएल ने पालिका से तत्काल काम रोकने को कहा। नगर पालिका ने काम रोकने से इनकार किया तो यूजेवीएनएल के कार्मिक जिलाधिकारी के पास कलक्ट्रेट पहुंचे।वहीं  जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने दुकानों के निर्माण कार्य  पर रोक लगा दी।



रिपोर्ट-हेमकान्त नौटियाल

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