उत्तरकाशी- बाणेश्वर महादेव की पूजा अर्चना से होती है संतान की प्राप्ति,शिवलिंग पर चढ़ाए गए दूध,और जल आज भी बना है रहस्यमयी
उत्तरकाशी। ।जनपद के सीमांत ब्लॉक भटवाड़ी के कामर गांव में श्रावण मास पर बाणेश्वर महादेव का मेला धूमधाम से मनाया गया। यह मेला हर साल हिंदू पंचांग के अनुसार 27 तिथि श्रावण को मनाया जाता है। इस अवसर पर आस-पास के गांवों से स्थानीय लोग दूध एकत्रित कर बाणेश्वर महादेव का अभिषेक करते है । मान्यता है कि बाणेश्वर महादेव में आने वाले सभी भक्तों की हर मनोकाना पूरी होती है।बाणेश्वर महादेव में प्रतिवर्ष मेले का आयोजन होता है।बताते चले कि भटवाड़ी ब्लॉक के नाल्ड कठूड पट्टी के कामर गांव में बाणेश्वर महादेव में हर साल इस श्रावण मास में मेले का आयोजन किया जाता है। जिसमें बाणेश्वर महादेव के अभिषेक के लिए दूध लेकर जामक, लॉन्थरु, बायना, मनेरी आदि गांवों से भक्त 8 किलोमीटर की खड़ी पैदल चढ़ाई चढ़ाकर मंदिर पहुंचते है। पुजारी का कहना है कि सावन में पहाड़ों पर दूध काफी मात्रा में होता है। इसलिये ग्रामीण अपने ईष्ट देव को दूध भेंट के रूप में देते हैं।
पूजा-अर्चना के बाद क्षेत्र की महिलाएं और स्थानीय लोग लोकनृत्य रासों-तांदी कर भगवान बाणेश्वर की अराधना के बाद आस-पास से आए ग्रामीण खुशी में और भगवान बाणेश्वर से क्षेत्र की खुशहाली के प्रार्थना कर लोकनृत्य रासों और तांदी करते है। जिसमें महिलाएं एक-दूसरे का हाथ पकड़कर गोल घेरा बनाकर लोकगीतों पर नृत्य करती है। वहीं, पुरूष भी ठीक इसी तरह से इस मेले में लोकनृत्य करते है। बाणेश्वर महादेव के अभिषेक के लिए लाया गया दूध के आधे हिस्से से खीर बनाई जाती है। जो भक्तों में प्रसाद के रूप में वितरित की जाता है। वहीं, गांव की शादीशुदा बेटियां भी ससुराल से बाणेश्वर महादेव के इस मेले में सम्मलित होने आती है। जो महादेव के अभिषेक के लिए घर से दूध सहित अन्य भेंट लेकर आती है। मान्यता है कि बाणेश्वर महादेव का अभिषेक करने से संतान की भी प्राप्ति होती है।
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