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Thursday, November 11, 2021

उत्तरकाशी-पिछले 4 माह से आपदाग्रस्त गांव में पेयजल आपूर्ति ठप, ग्रामीण प्राकृतिक जल स्रोतों और गंगा नदी से पानी ढोने को मजबूर


उत्तरकाशी-पिछले 4 माह से आपदाग्रस्त गांव में पेयजल आपूर्ति ठप, ग्रामीण प्राकृतिक जल स्रोतों और गंगा नदी से पानी ढोने को मजबूर





उत्तरकाशी।। जनपद मुख्यालय का नजदीक मांडों गांव जहां पर इस वर्ष जुलाई माह में भीषण आपदा आई थी। पिछले 4 माह से पेयजल आपूर्ति ठप है।जिससे ग्रमीण   पिछले 4 माह से दूर-दराज प्राकृतिक स्रोतो से पानी ढोने को मजबूर है। लेकिन ग्रमीणों का कहना है कि प्राकृतिक स्रोत भी अब धीरे-2 सूख गए है।बताते चलें कि मांडों गांव में जुलाई माह में भीषण आपदा आई थी जिससे मांडों गाँव की पेयजल लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई थी। एक दो दिन तक जल संस्थान विभाग ने गांव में वैकल्पिक पेयजल आपूर्ति की लेकिन उसके बाद से  गांव में पेयजल आपूर्ति ठप है। जिससे ग्रामीणों को या तो गंगा नदी या फिर बरसाती  प्राकृतिक स्रोतों के पास छोटे-2 पानी के टैंक बनाकर पानी भरना पड़ रहा है। ग्रमीणों के घरों के नलों  में पिछले 4 महीने से एक बूंद पानी तक नहीं आया है। ग्रमीण भगवती बलूनी का कहना है कि इसके लिए हमने कई बार  शिकायत जिला प्रशासन ,जल संस्थान विभाग  यहां तक की मुख्यमंत्री को भी पेयजल की समस्या से लिखित पत्र और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर भी  शिकायत की है लेकिन फिर भी पेयजल की समस्या जस की तस बनी हुई है। यही नहीं मांडों गांव के ग्रामीणों का कहना है कि ,ग्रमीणों को पिछले 4 माह से पीने के पानी के लिए भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।




वहीं मांडों गाँव  की पेयजल आपूर्ति की समस्या  पर  अधिशासी अभियंता जल संस्थान का कहना है कि जुलाई में आई आपदा के कारण मांडों गांव की पेयजल की लाइने क्षतिग्रस्त हो गई थी जिस कारण यह समस्या बनी हुई है। नई पेयजल लाइन के लिए प्रक्रिया जारी है।


हेमकान्त नौटियाल

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