उत्तरकाशी-अधिकारी के जज्बे को सलाम बस दुर्घटना के शुरुवाती दौर में बिना संसाधनों के श्रद्धालुओं के पार्थिक शवों को अपने कंधों पर रेस्कयू कर पहुंचाया सड़क मार्ग तक
उत्तरकाशी।।जनपद के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग डामटा के पास 5 जून शाम 7:00 बजे बस दुर्घटना को जिन्होंने भी देखा या सुना सबकी रूह कांप उठती है। 26 लोग काल के ग्रास में समा गए और अभी 4 लोग जिंदगी की जंग लड़ रहे है। स्थानीय लोग बताते हैं कि जब घटना हुई तो दुर्घटनाग्रस्त बस सड़क से काफी नीचे झाड़ियों में पेड़ों पर अटकी थी। बस के परखच्चे उड़े थे । रात्रि का समय था। घटनास्थल तक बिना संसाधनों के पहुंचना मुश्किल था लेकिन शुरुआती दौर में स्थानीय लोग, कुछ जवान तथा वर्तमान समय में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग में ड्यूटी पर सहायक परिवहन अधिकारी जितेंद्र चंद पहुंचे। उस समय घटनास्थल पर न कोई भी रेस्कयू टीम या उपकरण मौजूद नहीं थे। जितेंद्र चंद सीधे जहां पर बस गिरी हुई थी नीचे उतरे और स्थानीय लोगों की मदद से पेड़ों से बड़ी टहनियों को काटकर कंबल में लपेट कर स्वयं कंधे पर उठाकर स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू कार्य किया।
स्थानीय लोग बताते हैं जब उन्होंने इस युवा अधिकारी को अपने कंधों पर कई बार घायल श्रद्धालुओं और शवों को ले जाते हुए देखा तो इस युवा के कपड़े खून से लहूलुहान हो रखे थे। वही घटनास्थल पर जब दूसरे दिन परिवहन मंत्री चंदन राम दास पहुंचे स्थानीय लोगों ने कहा कि हम नहीं जानते हैं कि यह युवा कौन है लेकिन इन्होंने घटनास्थल पर शुरुवाती दौर में जो रेस्क्यू कार्य कर साहस दिखाया वह काबिले तारीफ है बाद में स्थानीय लोगों को भी पता चला कि यह सहयक परिवहन अधिकारी देहरादून में है जो पूर्व में सेना में भी रह चुके हैं। जिनकी ड्यूटी आजकल यात्रा सीजन में 15 दिन के लिए यह यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग में लगी हुई है स्थानीय लोगों ने कहा कि ऐसे अधिकारियों को सरकार के द्वारा प्रोत्साहन मिलना चाहिए हम तस्वीरों में भी साफ देख सकते हैं कि नीली शर्ट पहने जितेंद्र चंद रेस्क्यू कार्य करते हुए साफ देखे जा सकते हैं।
Good job
ReplyDeleteBhagwan aapko hamesha khus rakhe sir ❣️🥰🙏
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