उत्तरकाशी-""हर घर नल, हर घर जल""योजना हवा-हवाई साबित, नलों में दो माह से पानी नहीं,मीलों दूर खच्चरों पर दूषित पानी ढोने और पीने को मजबूर ग्रामीण
रिपोर्ट-सुरेश चंद्र रमोला (ब्रह्मखाल)
उत्तरकाशी।।सरकार की महत्वाकांक्षी योजना "हर घर नल,हर घर जल" को कब पंख लगेंगे इसका ग्रामीणों को आज भी इंतजार है। नेता बडे बडे दावे करते है कि पानी के बिना अब लोग प्यासे नही रहेगे मगर जुग्याडा, कुरीसौड, रेशगी , खलियाणढुंग, जसपुर और देवलडांडा के ग्रामीणों की दुर्दशा देखें तो यहां लोग पानी की एक बूंद के लिए महीनों से तरस रहे है। ये सभी गांव प्रखंड डुंडा के ग्राम सभा टिपरा और जुणगा के अंतर्गत आते है। पेयजल आपूर्ति सही तरीके से हो और पानी के लिए कोई परेशान न रहे इसके लिए विभाग ने इन गांवो मे दस पीटीसी और एक जूनियर अभियंता भी रखे है मगर फिर भी यहां के ग्रामीणों ने पिछले दो महीनो से नलो पर एक बूंद पानी भी नही देखा। गांव के लोग दो किलोमीटर दूर एक गधेरे से घोडे खच्चरों और कंधो पर पानी ढो रहे है। ग्राम प्रधान सीमा गौड बताती है कि इन गांवो के लोग स्वच्छ पेयजल के बजाय दूषित गधेरे का पानी पीने को मजबूर है विभाग के लोगो से बात करने पर कोई सुनने को तैयार नही है। इन गांवो मे मवेसियो को भी पूरा पानी नही मिल पा रहा और गांव के लोग आदिवासियों की तरह जीवन जी रहे है। सरकार के दावे यहां कही धरातल पर नही दिखते नजर आ रहे है और जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी गहरी नींद मे है । ग्रामीणों ने कहा कि यदि शीघ्र नलो पर पानी नही आया तो उनके सब्र का बांध टूट जायेगा और वै खाली वर्तनो के साथ डीएम कार्यालय का घेराव कर देंगे।
वहीं ग्रामीणों का कहना है कि सन 2000मे उत्तर प्रदेश के शासन काल में पेयजल योजना स्वीकृत हुई थी जिसके निर्माण के लिए शासन द्वारा जल निगम उत्तरकाशी को धन काआवंटन भी किया गया था जिसके निर्माण हेतु जल निगम द्वारा सन 2002 में निविदा आमन्त्रित की गई किन्तु किन्हीं अपरिहार्य कारणो से बिभाग के द्वारा निविदाएं निरस्त की गई उसके बाद विभाग के द्वारा उक्त योजनाओं पर बर्तमान तक निविदाएं आमन्त्रित नहीं की ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारियों से सम्पर्क करने पर पता चला कि योजना के निर्माण हेतु आवश्यक जल स्रोत नहीं मिल पा रहा है ग्रामीणौ के द्वारा अधिशासी अभियन्ता जल निगम को स्रोत की फोटोग्राफ दिखाया गया किन्तु निरंकुश अधिकारियों द्वारा उक्त योजना का पुनः सर्वे नहीं किया गया बिगत बर्ष 2020 में जिलाधिकारी के द्वारा केन्द्र सरकार की महत्व कांक्षी योजना के तहत इस योजना को जलसंस्थान उत्तरकाशी को स्थानान्तरित किया गया जल संस्थान के द्वार ग्रामीणौ के घर के आगे बिना पानी के नल खडे कर दिए किन्तु स्रोत से लाईन बिछाने एवं टैक निर्माण का अभी तक अनुबन्ध नहीं हो पाया है जिस कारण भोले भाले ग्रामीणौ का सब्र का बांध टूटता नजर आ रहा है जो कि कभी भी उग्र हो सकता है।
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