उत्तरकाशी-आराकोट-चिन्वा मोटर की हालत खराब जगह-2 भूस्खलन होने से ,जान हथेली पर रखकर सफर कर रहे लोग और स्कूली बच्चे,आपदा के जख्म अभी भी हरे
- अधिकारी ,जनप्रतिनिधि मौन जनता की सुने कौन?"लगभग तीन वर्ष बीतने के बाद भी नही भर पाए आपदा के जख्म "
उत्तरकाशी।।(ब्यूरो)जनपद के दूरस्थ आराकोट क्षेत्र में आराकोट-चिंवा मोटर मार्ग में बारिश के कारण जगह-2 भूस्खलन होने से क्षेत्र के लोग और स्कूली बच्चे जान हथेली पर रखकर मोटरमार्ग से पैदल आवागमन कर रहे है।हम तस्वीरों में साफ देख सकते है कि किस प्रकार आराकोट-चिंवा मोटर में जगह-2 सड़क पर बड़े-2 बोल्डर आ रखे है।और लोग ऐसे ही सफर करने को मजबूर है।इस क्षेत्र में सड़क की हालत काफी खराब है।विधुत की लाइनें भी क्षतिग्रस्त हो रखी है अराकोट क्षेत्र सेब के उत्पादन के लिए काफी प्रसिद्ध है लेकिन आराकोट-चिंवा मोटर मार्ग में जगह-जगह भूस्खलन होने से सेब उत्पादकों के सामने समस्या खड़ी हो गई है। किस प्रकार से सेब को मंडियों तक पहुंचाया जाए।लेकिन जिला प्रशासन क्षेत्र की सुध नहीं ले रहा है और मौन बैठा है।
बताते चलें कि 18/08/2019 को आराकोट बंगाण क्षेत्र में विनाशकारी आपदा आईं थी जिसके जख्म अभी नही भर पाए ,वहीं क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता मनमोहन कहते है कि आज भी एक बारिश से क्षेत्र मे आपदा जैसे हालात बन जाते हैं लेकिन अभी तक सरकार एवं विभागों द्वारा कोई भी सुरक्षात्मक कार्य नही करवाए गए जिससे स्थिति सामान्य हो सके।आपदा के बाद सूबे के मुख्यमंत्री कई बार हमारी विधानसभा पुरोला मे आए किन्तु विधानसभा के आपदा ग्रस्त क्षेत्र में आकर आपदा पीड़ितों से मिलना उचित नहीं समझा ।जबकि हमारे द्वारा पूर्व में कई बार क्षेत्रीय शिष्टमंडल के माध्यम से मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार से मिलकर आपदा पीड़ितों की समस्याओं से अवगत भी करवाया गया फिर भी हमारे क्षेत्र को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया।
आराकोट क्षेत्र लोगों ने सरकार से पुनः मांग की है कि कि आराकोट आपदाग्रस्त क्षेत्र में सड़कों और पुलों की स्थिति को दूरस्थ किया जाए ताकि आवागमन में लोगों को सुविधा हो।
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