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Monday, November 14, 2022

उत्तरकाशी- पिता की मृत्यु का दुख अंजली के जुनून और समर्पण को कम नहीं कर पाया, अंजली अन्य बच्चों के लिए बनी प्रेरणा स्त्रोत


उत्तरकाशी- पिता की मृत्यु का दुख अंजली के जुनून और समर्पण को कम नहीं कर पाया, अंजली अन्य बच्चों के लिए बनी प्रेरणा स्त्रोत




उत्तरकाशी।।(ब्यूरो)जनपद  में वाहन दुर्घटना में पिता की मौत का दुख भी कक्षा 12 की छात्रा अंजलि का विद्यालय व जनपद के लिए कबड्डी खेलने का जुनून व समर्पण कम नहीं कर पाया। बीते 11 नंवबर को एक वाहन दुर्घटना सड़क हादसे में अंजलि के पिता की मृत्यु हो गई थी। बावजूद इसके अंजलि आज से जनपद उत्तरकाशी के रामलीला मैदान में शुरु हुई राज्य स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर रही है। अंजलि इस प्रतियोगिता में उत्तरकाशी जनपद टीम की कप्तान भी है।



पिता का साया सिर से उठे अभी कुछ ही घंटों का ही समय हुआ घर में गमगीन माहौल है लेकिन फिर भी अंजलि के जज्बे को सलाम  अंजलि के मन में खेल भावना के प्रति समर्पण अन्य बच्चों के लिए प्रेरणा स्रोत का कार्य कर रहा है। कहते हैं कि जब आत्म बल ऊंचा हो और मन मे कुछ करने का जुनून हो तो विपरीत परिस्थितियां भी इंसान को मजबूत बनाती हैं।जनपद के सुदूरवर्ती मोरी तहसील सांकरी की निवासी और  जीआईसी नेटवाड़ मोरी की छात्रा अंजलि ने इसे चिरितार्थ किया है। बीते 11 नंबवर को मोरी क्षेत्र में हुई एक वाहन दुर्घटना में अंजलि के पिता विजय कुमार की मौत हो गई थी। जीआईसी नैटवाड़ के अध्यापक राजीव बिजल्वाण बताते है कि   अंजलि हमारे खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। और जनपद की  कबड्डी  अंडर19 टीम की कप्तान भी है।जब  अंजलि के पिता की मृत्यु 11 नवंबर को सड़क हादसे में हुई  और 11 नवंबर को ही अंत्येष्टि भी हुई है। घर में गमगीन माहौल है फिर भी अंजलि कबड्डी प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर रही है।अंजलि इससे पूर्व भी राज्य स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर चुकी है और एक होनहार बालिका है घर में पिता की मृत्यु के बाद भी अंजली की  खेल भावना कम नहीं हुई है।



स्वयं अंजलि कहती है। कि मैं जनपद के दुर्गम क्षेत्र की रहने वाली हूँ मेरे पिताजी की मृत्यु एक वाहन दुर्घटना में 11 नवम्बर को हुई फिर भी  कबड्डी प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के लिए मेरी  दादी ने मुझे समर्थन किया और दादी ने कहा  कि बेटी तू खेलने जरूर  जा, जाने वाला चला गया, तुम्हें  अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ाना है ।  अपनी मां और परिवार को देखना है।

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