उत्तरकाशी : आज शनिवार को डॉ. स्वराज विद्वान पूर्व सदस्य राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग भारत सरकार राष्ट्रीय मंत्री भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा ने राष्ट्रपति भवन दिल्ली में द्रोपदी मुर्मू से शिष्टाचार भेंट कर गंगोत्री धाम का पवित्र गंगा जल व छायाचित्र किया और राष्ट्रपति को गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम आने का न्योता दिया।
भेंट के दौरान राष्ट्रपति ने अनेक सामाजिक विषयों पर चर्चा कर देश एवं समाज हित में कार्य करने को कहा। इस अवसर पर राष्ट्रपति को उत्तराखंड के पर्वतीय जनपदों एवं उत्तरकाशी जनपद की कुछ समस्याओं को लिखित रूप में देकर इनके निराकरण के लिए राष्ट्रपति से अनुरोध किया गया जो निम्न प्रकार से है।
1- पर्वतीय जनपदों के ग्रामीण क्षेत्रों से रोजगार की चाहत में हो रहे युवाओं के पलायन को रोकने के लिए पर्वतीय जनपदों में ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं के लिए विशेष सेना भर्ती करने का अनुरोध करते हुए सेना भर्ती में युवाओं को शैक्षणिक योग्यता, उम्र, फिजिकल में विशेष छूट देने का अनुरोध किया।
2- उत्तराखंड प्रदेश में ऑल वेदर रोड परियोजना के निर्माण कार्य एवं राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा सड़क चौड़ीकरण कार्य बहुत तेजी से चल रहा है। जिसमें पहाड़ी क्षेत्रों में गरीब निर्धन परिवारों की जमीन एवं घरों का सड़क चौड़ीकरण के कारण भारी क्षति हो रही है जिसके लिए RWO से बाहर होने वाले घर जमीनों की क्षतिपूर्ति का मुआवजा भी केन्द्र सरकार से देने का अनुरोध किया गया।
3- उत्तराखंड में एम्स अस्पताल ऋषिकेश में एयर एंबुलेंस देने का अनुरोध किया है जिससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को दुर्घटना के समय लाभ मिल सके।
4- उत्तराखंड प्रदेश की समस्त गरीब निर्धन विधवा महिलाओं को बीपीएल/अन्तोदय राशन कार्ड उपलब्ध करवाया जाय साथ ही इन्हें प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत अनिवार्य रूप से प्रधानमंत्री आवास देने हेतु अनुरोध किया गया।
5- उत्तराखंड प्रदेश के सभी छात्रावासों में भोजन व्यवस्था शुरू करवाने एवं पुराने सरकारी दरों को चेंज करने का अनुरोध किया गया।
6- सीमान्त जनपद उत्तरकाशी में स्वास्थ्य सुविधाओं को मध्य नजर रखते हुए उत्तरकाशी जनपद में मेडिकल कॉलेज खोलने का अनुरोध किया गया जिसके लिए जनपद वासी वर्षों से मांग कर रहे हैं।
7- उत्तरकाशी जनपद के ब्रह्मखाल में तहसील बनाने का अनुरोध किया गया जिसके लिए वर्षों से ब्रह्मखाल क्षेत्र के लोग मांग कर रहे हैं।
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने सभी समस्याओं को गंभीरता पूर्वक सुना गया और इन पर सहानभूति पूर्वक विचार करने को कहा।
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