उत्तरकाशी-टनल में फंसे 40 लोगों को बचाने का प्रयास युद्धस्तर पर जारी,जांच कमेटी टनल में हुए भूस्खलन की जांच में जुटी
उत्तरकाशी।। रविवार सुबह 5:30 बजे सिलक्यारा टनल का एक बड़ा हिस्सा टूट गया था जिसके कारण टनल में काम कर रहे 40 मजदूर टनल में फंस गए और आज 50 घंटे से भी ज्यादा का समय हो गया है टनल में फंसे लोगों को बाहर नहीं निकाला ज सका है लगातार स्स्क्यू कार्य युद्ध स्तर पर जारी है साथ ही टनल में हुए लैंडस्लाइड सन के लिए सिलक्यारा सुरंग में हुए भूस्खलन के अध्ययन एवं कारणों की जांच के लिए निदेशक उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की अध्यक्षता में गठित कमेटी में शामिल विशेषज्ञों ने स्थल का निरीक्षण कर जांच की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जांच समिति में शामिल विशेषज्ञों का यह दल बीते दिन ही घटनास्थल पर पहुँच गया था। दल के द्वारा सुरंग एवं इसके ऊपर की पहाड़ी का सर्वेक्षण किया जा रहा है। विशेषज्ञों के इस दल में निदेशक यूएमएमसी देहरादून डॉ.शांतनु सररकर,डॉ. खइंग शिंग ल्युरई वैज्ञानिक एफ.वाडिया इंस्टिट्यूट ऑफ हिमालय जियोलॉजी, सुनील कुमार यादव वैज्ञानिक जीएसआई, कौशिल पंडित वरिष्ठ वैज्ञानिक सीबीआरआई रुड़क, जी.डी प्रसाद उपनिदेशक भूतत्व एवं खनिजकर्म विभाग, तनड्रिला सरकार भूवैज्ञानिक यूएसडीएमए देहरादून शामिल हैं। यह भी बताया जा रहा है कि सिलक्यारा टनल में पूर्व में भी टनल के अंदर लैंडस्लाइड हुआ था जिसको निर्माणाधीन नवयुग कंपनी ने बताया नहीं कहीं ना कहीं निर्माणाधीन नवयुग कंपनी एवं NHIDCL की कार्यप्रणाली पर भी सवाललिया निशान खड़े हो रहे हैं कि आखिर इतनी बड़ी लापरवाही टनल निर्माण में कंपनी के द्वारा कैसे हो गई।
वही तकनीकी विशेषज्ञों और एक्सपर्ट टीम का कहना है कि ह्यूमन पाइपों को बिछाने का कार्य शुरू हो गया है लेकिन कितना वक्त लगेगा यह कहना संभव नहीं है वहीं दूसरी तरफ यदि पाइपों डालते समय कोई बड़ा रॉक पत्थर लग गया तो फिर काफी दिक्कतें पाइपों को डालने में आ सकती है फिलहाल इस तकनीक के द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि पाइपों क माध्यम से मजदूरों को बाहर निकल जाएगा।
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मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार रेस्क्यू अभियान में समन्वय करने के लिए मौके पर मौजूद हैं। सुरंग से बाहर आने पर उन्होंने बताया कि टनल में फंसे मजदूरों से संपर्क बना हुआ है ।सभी लोग सेफ एंड साउंड हैं, फंसे मजदूरों तक पोषक खाद्य पदार्थ और कुछ दवाइयों को भेजने की व्यवस्था की जा रही है। रेस्क्यू अभियान की नई रणनीति के तहत पाइप पुशिंग की प्रक्रिया हेतु प्लेटफार्म तैयार हो चुका है। तय शेड्यूल के अनुसार ही अभियान प्रगति पर है। ऑगर मशीन के जरिये मलवे के बीच से पाईप उस पार भेजने की प्रक्रिया जल्द शुरू हो जाएगी।
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