उत्तरकाशी-चारधाम यात्रा शुरू होने में महज डेढ माह से भी कम समय बाकी भगवान भरोसे गंगोत्री धाम की यात्रा व्यवस्थाएं,धाम में वर्षों से पेयजल संकट,क्षतिग्रस्त स्नान घाटों का नहीं हुआ निर्माण - PiyushTimes.com | Uttarkashi News

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Friday, March 21, 2025

उत्तरकाशी-चारधाम यात्रा शुरू होने में महज डेढ माह से भी कम समय बाकी भगवान भरोसे गंगोत्री धाम की यात्रा व्यवस्थाएं,धाम में वर्षों से पेयजल संकट,क्षतिग्रस्त स्नान घाटों का नहीं हुआ निर्माण

उत्तरकाशी-चारधाम यात्रा शुरू होने में महज डेढ माह से भी कम समय बाकी भगवान भरोसे गंगोत्री धाम की यात्रा व्यवस्थाएं,धाम में वर्षों से पेयजल संकट,क्षतिग्रस्त स्नान घाटों का नहीं हुआ निर्माण




उत्तरकाशी।। चार धाम यात्रा शुरू होने में अब डेढ़ माह से भी कम समय रहा गया है लेकिन गंगोत्री व्यापार मंडल के लोगों ने बताया कि गंगोत्री की चारधाम यात्रा व्यवस्थाएं भगवान भरोसे चल रही है। गंगोत्री व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने कहा कि गंगोत्री धाम में विगत वर्ष गंगा नदी में आई बाढ़ से गंगा घाट पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए थे। लेकिन शासन प्रशासन ने अभी तक  घाट निर्माण का कार्य शुरू नहीं किया कपाट खुलने के लिए  कुछ ही समय रह चुका है इसमें तीर्थ यात्री कैसे गंगा घाट पर स्नान करेंगे वहीं  कई वर्षों से  पुरोहित साधु समाज और व्यापार मंडल बार-बार मांग कर है कि गंगोत्री धाम में आए दिन पानी का संकट बना रहता है लेकिन शासन प्रशासन और जल संस्थान विभाग ने आज तक पानी के समस्या का समाधान नहीं किया।गंगोत्री धाम में  बरसात के समय तो पानी की समस्या काफी बढ़ जाती है। लोगों को पानी के लिए जगह-जगह भटकना पड़ता है जहां एक और मान्यता के अनुसार गंगा नदी का जल बाथरूम और शौचालय में सेवन नहीं कर सकते हैं यात्री  रात्रि में गंगोत्री धाम में  निवास करने से परहेज करते हैं जिससे कि गंगोत्री धाम में होटल व्यवसाययों का व्यवसाय चौपट हो जाता है खानापूर्ति के लिए जल संस्थान ने गधेरे से  काले रबर पाइप से पानी पहुंचा कर इतिश्री की है जबकि जल संस्थान विभाग गंगोत्री धाम में पानी का भारी भरकम बिल थमा देता है।






गंगोत्री व्यापार मंडल की पूर्व अध्यक्ष सत्येंद्र सेमवाल ने बताया कि चारधाम यात्रा की व्यवस्थाएं शासन प्रशासन द्वारा केवल एक मात्र औपचारिकताएं रह जाती है ऐसे में  धाम के तीर्थ पुरोहित साधु समाज एवं स्थानीय लोग और व्यापारी शासन प्रशासन की चार धाम व्यवस्था पर कागजी कार्रवाई और फोटो लेकर कार्रवाई करके लाखों का बजट वारे न्यारे कर लेते हैं। और  चार धाम व्यवस्थाएं जस की तस बनी रहती है।



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