देहरादून-पहाड़ों में एम्स की हेली एंबुलेंस सेवा संजीवनी का कार्य कर रही हेली एंबुलेंस सेवा ने बचाई कई मरीजों की जान, वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी की अहम भूमिका
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देहरादून।।। उत्तराखंड में हेली एंबुलेंस सेवा मरीज के लिए संजीवनी का कार्य कर रही है। उत्तरकाशी जिला अस्पताल में आई सी यू में वेंटीलेटर पर भर्ती मरीज लुदरा देवी को एम्स ऋषिकेश द्वारा संचालित निःशुल्क हेली एंबुलेंस सेवा द्वारा जिला अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया। चिकित्सकों द्वारा बताया गया कि मरीज का उच्च रक्त चाप के साथ साथ कंप्लीट हार्ट ब्लॉक होने के कारण जिला अस्पताल में एक बार सी पी आर होने के पश्चात दुबारा रिकवरी के बाद उच्च हार्ट सर्जरी एवं आगे के इलाज हेतु इमरजेंसी मेडिसिन विभाग एम्स ऋषिकेश की डॉक्टर अमृता एवं टीम हेम्स के नर्सिंग अधिकारी ताराचंद वर्मा की रेख देख में एम्स ऋषिकेश पहुंचाया गया।जिसमें डॉक्टर महेश मेडिकल ऑफिसर जिला अस्पताल उत्तरकाशी द्वारा टीम एम्स के वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी अखिलेश उनियाल को जानकारी दी गई ,इंचार्ज एवं नोडल अधिकारी डॉक्टर मधुर उनियाल व टीम हेम्स द्वारा तत्काल मरीज की परिस्थिति को देखते हुए इमरजेंसी मेडिसिन विभाग की सहायता से मरीज को तत्काल उपचार हेतु एम्स लाने का निर्णय लिया गया ।

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वहीं आज ही बी डी पाण्डेय अस्पताल पिथौरागढ़ में भर्ती मरीज नेहा चंद को एम्स ऋषिकेश द्वारा संचालित निःशुल हेली एंबुलेंस सेवा द्वारा बी डी पाण्डेय अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया , चिकित्सकों द्वारा बताया गया कि मरीज को 4 दिनों से लगातार तेज बुखार ,के साथ पेशाब में कमी और बेहोशी के लक्षण होने के कारण ऑक्सीजन पे रखा गया था।जब टीम हेम्स हेली एंबुलेंस से नैनी सैनी एयर पोर्ट पहुंची और मरीज का निरीक्षण किया तो देखा कि मरीज का जी सी एस जो नॉर्मल 15 होता है मात्र 5 पाया गया जिस पर टीम ने एयरपोर्ट पर ही तुरंत मारीज को सांस की नली डाल कर एम्बू बैग और ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ इमरजेंसी मेडिसिन विभाग एम्स ऋषिकेश की डॉक्टर ज्वेल एवं टीम हेम्स की सीनियर नर्सिंग अधिकारी दीपिका कांडपाल की रेख देख में एम्स ऋषिकेश लाया गया ।जिसमें डॉक्टर अमन आलम मेडिकल ऑफिसर बी डी पाण्डेय अस्पताल पिथौरागढ़ द्वारा टीम हेम्स के वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी अखिलेश उनियाल को जानकारी दी गई ,इंचार्ज एवं नोडल अधिकारी डॉक्टर मधुर उनियाल व टीम हेम्स द्वारा तत्काल मरीज की परिस्थिति को देखते हुए इमरजेंसी मेडिसिन विभाग की सहायता से मरीज को तत्काल उपचार हेतु एम्स लाने का निर्णय लिया गया ।
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